
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक प्रेम रंजन पटेल का प्रेस बयान।
तेजस्वी का बार बार वोट चोरी की बात करना हताशा और निराशा का परिचायक
तेजस्वी प्रतिपक्ष की भूमिका निभाने में भी असमर्थ
दिनांक 7 दिसम्बर 2025 पटना
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा बार-बार “वोट चोरी” जैसे असत्यापित और निराधार आरोपों को दोहराना उनकी राजनीतिक हताशा और गहरी निराशा का स्पष्ट परिचायक है। जनता के स्पष्ट जनादेश को स्वीकारने के बजाय हार का ठीकरा लोकतांत्रिक संस्थाओं पर फोड़ना, यह दर्शाता है कि वह रचनात्मक प्रतिपक्ष की भूमिका निभाने में पूर्णतः असमर्थ होते जा रहे हैं।
तेजस्वी यादव को यह समझना चाहिए कि चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था पर सवाल उठाना केवल अपनी विफलताओं से ध्यान भटकाने का प्रयास है। बार-बार वही राग अलापना कि “वोट चोरी हो गया”, यह सिद्ध करता है कि विपक्ष के पास न तो ठोस मुद्दे हैं, न ही जनता के हित में कोई सकारात्मक एजेंडा। यह राजनीति नहीं, बल्कि हार को छिपाने की बचकानी कोशिश है।
बिहार जिन मुद्दों से जूझ रहा है, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून-व्यवस्था और विकास—उन पर गंभीर बहस करने के बजाय तेजस्वी यादव सस्ती बयानबाजी में उलझे हुए हैं। नेता प्रतिपक्ष का दायित्व होता है सरकार को रचनात्मक सुझाव देना, जनहित के मुद्दों पर सवाल उठाना और लोकतंत्र की गरिमा को मजबूत करना, न कि अफवाहों और आशंकाओं के सहारे राजनीति करना।
सच यह है कि जनता ने जिन नीतियों, नेतृत्व और विकास के मॉडल पर भरोसा जताया, विपक्ष उससे सामंजस्य नहीं बिठा पा रहा है। इसी कुंठा में आकर संवैधानिक व्यवस्थाओं को कठघरे में खड़ा किया जा रहा है। बिहार की जनता यह सब भली-भांति समझती है और भविष्य में भी ऐसे गैर-जिम्मेदार रवैये को सिरे से नकारेगी।
हम स्पष्ट रूप से कहना चाहते हैं कि लोकतंत्र जनता की आस्था से चलता है, और उस आस्था को कमजोर करने वाले बयान किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं हैं। बेहतर होगा कि तेजस्वी यादव आत्ममंथन करें, विपक्ष की गरिमा समझें और बिहार की जनता के वास्तविक मुद्दों पर राजनीति करें।
— प्रेम रंजन पटेल
प्रदेश प्रवक्ता भाजपा



