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खैनी-चूना से जोड़कर बिहार और बिहारियों को अपमानित कर रहे तेजस्वी : विजय कुमार सिन्हा

प्रेस-विज्ञप्ति

खैनी-चूना से जोड़कर बिहार और बिहारियों को अपमानित कर रहे तेजस्वी : विजय कुमार सिन्हा

अपने पिता की तरह बिहारियों से खैनी-चूना रागड़वाने का ख्वाब देख रहे तेजस्वी : विजय कुमार सिन्हा

अनुकम्पा पर आधारित राजनीति लोकतंत्र के लिए कैंसर : विजय कुमार सिन्हा

‘शाहजादों की टोली’ जैसा आचरण करते राहुल-तेजस्वी : विजय कुमार सिन्हा

सभी बिहारी मिलकर राज्य को परिवारवादी राजनीतिक कैंसर मुक्त करने को तैयार : विजय कुमार सिन्हा

पटना 18 अगस्त

बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा ने तेजस्वी यादव द्वारा बिहारियों को ‘खैनी-चूना’ से जोड़कर दिए गए बयान पर करारा प्रहार किया है ।

उन्होंने ने कहा कि तेजस्वी यादव ने बिहार और बिहारियों को न केवल अपमानित किया है बल्कि इस प्रकार के बयान से अपनी परवरिश और संस्कारों का भी परिचय दिया है । लोग आज भी नहीं भूले हैं कि इनके पिता मुख्यमंत्री रहते हुए सचिव स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों से खैनी बनवाते थे और पीकदान तक उठवाते थे । उनके इस व्यवहार से तंग आकर बिहार कैडर के करीब आधे IAS अधिकारियों ने एकसाथ केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए आवेदन कर दिया था । तेजस्वी यादव भी आज उन्हीं रास्तों पर चल पड़े हैं ।

श्री सिन्हा ने आगे कहा कि जिस प्रकार खैनी-तम्बाकू कैंसर कारक होता है उसी तरह वंशवादी अनुकंपा पर चलने वाले दल और उसकी राजनीति लोकतंत्र के लिये कैंसर की तरह हैं । हालात यह है कि राजद के गठन के बाद से लगातार लालू जी ही दल के मुखिया हैं, उनके बेटे सरकार के सबसे वरिष्ठ मंत्री होते हैं । बेटियां लोकसभा और राज्यसभा में पार्टी का प्रतिनिधित्व करती हैं । वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस में चौथी पीढ़ी ‘ हाईकमान कल्चर’ का झंडा उठाए चल रहा है । उत्तरप्रदेश में इनके सहयोगी सपा के सुप्रीमो अखिलेश यादव के परिवार के चार सदस्य संसद में हैं । एक जमाने में तो इनके कुनबे के करीब 2 दर्जन लोग सार्वजनिक पदों पर काबिज थे ।

श्री सिन्हा ने कहा कि इंडी गठबंधन के सभी दलों में हर मामले में विरोधाभास है । उनमें केवल यही समानता है कि वे सभी ‘परिवारवादी राजनीति के पोषक’ हैं । इसीलिए इन सभी का बयान और व्यवहार ‘शहजादों की टोली’ जैसा है । ये सभी केवल बाबासाहेब का संविधान लहराकर राजनीतिक महफिल लूटना चाहते हैं । जबकि जमीनी लोकतंत्र के उनके सपनों को खुद अपनी-अपनी पार्टी में रौंदते हैं ।

श्री सिन्हा ने कहा कि अब वक्त बदल चुका है, अब बिहार की जनता अपना बदला चुकाने को तैयार है । बिहार के स्वाभिमानी लोग, उद्यमी युवा और उदीयमान नारीशक्ति एकजुट होकर आने वाले चुनाव में राजद-कांग्रेस की परिवारवादी जमींदारी का समूल सफाया करके राज्य को राजनीतिक कैंसर से मुक्ति दिलाने जा रहे हैं।

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