समग्र सामाजिक न्याय की दिशा में उठाया गया कदम है जातिगत जनगणना : विजय कुमार सिन्हा
समग्र सामाजिक न्याय की दिशा में उठाया गया कदम है जातिगत जनगणना : विजय कुमार सिन्हा
सबका साथ सबका विकास का ही अगला सोपान जातिगत जनगणना : विजय कुमार सिन्हा
पीएम और सीएम समेकित सामाजिक न्याय के पक्षधर : विजय कुमार सिन्हा
हमारे संगठन और गठबंधन ने हमेशा समाज के अंतिम व्यक्ति को वरीयता दी : विजय कुमार सिन्हा
जातिगत विभाजन की आग में रोटी सेंकने में जुटा विपक्ष : विजय कुमार सिन्हा
पटना 05 जुलाई
बिहार भाजपा के OBC मोर्चा के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित जातिगत जनगणना को समग्र सामाजिक न्याय की दिशा में उठाया गया कदम बताया । देश के आदरणीय प्रधानमंत्री और बिहार के माननीय मुख्यमंत्री दोनों ही समाज को तोड़ने के बजाय जोड़ने वाले सामाजिक न्याय के पक्षधर हैं ।
उन्होंने कहा कि हमारे संगठन और गठबंधन दोनों की नींव में सबका साथ सबका विकास का भाव छुपा है । एक तरफ हमारे आदि संगठनकर्ता दीनदयाल जी ने इसी भाव को ‘एकात्म मानववाद’ के रूप में व्यक्त किया था । वहीं दूसरी तरफ अटल जी की NDA सरकार में भी इसी सोच के साथ ‘अंत्योदय’ का समेकित प्रयास किया गया था ।
श्री सिन्हा ने आगे कहा कि 2023 में बिहार में जो जाति आधारित सर्वे हुआ था, उसका खाका NDA सरकार ने ही तय किया था । जब सर्वे विधानसभा में पारित हुआ तब भी भारतीय जनता पार्टी और NDA ने विपक्ष में रहते हुए भी इसका पूर्ण समर्थन किया था । लेकिन जाति की आग में राजनीतिक रोटी सेंकने वाले राजद-कांग्रेस के लोग महज श्रेय लूटने के प्रयास में जुटे रहे । ये जब सत्ता में थे तब 2011 में हुई जनगणना में इन्होंने जातिगत सर्वेक्षण तक कराने से मना कर दिया था । कांग्रेस ने वर्षों तक मंडल आयोग की रिपोर्ट को दबाए रखा था ।
श्री सिन्हा ने कहा देश को आज जातिगत विभाजन को बढ़ावा देने वाले कथित सामाजिक न्याय की जगह समग्र सामाजिक न्याय की जरूरत है । जिसमें हाशिये पर खड़े हर तबके को न्यायपूर्ण विकास का अवसर मिले । इसीलिए प्रधानमंत्री जी प्राथमिकता के आधार पर गरीब, युवा, महिला और किसान के विकास की बात करते हैं । बिहार में भी 6 हजार रुपये से कम आमदनी वाले 94 हजार परिवारों तथा 10 हजार रुपये से कम आमदनी वाली 63 फीसदी आबादी का समेकित विकास हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए । इसके लिए आपसी भेदभाव को भूलकर सभी राजनीतिक पार्टियों को प्रयास करना होगा ।