भगवान परशुराम और वीर भामाशाह सनातन संस्कृति के सच्चे प्रतिनिधि : विजय कुमार सिन्हा

सविनय बिहार न्यूज़
29 अप्रैल 2025
प्रेस-विज्ञप्ति
भगवान परशुराम और वीर भामाशाह सनातन संस्कृति के सच्चे प्रतिनिधि : विजय कुमार सिन्हा
भगवान परशुराम और भामाशाह की विरासत हर भारतीय के लिए आदर्श : विजय कुमार सिन्हा
परशुराम और भामाशाह की तरह बिना झुके और रुके अपनी भूमिका निभाएं देशवासी : विजय कुमार सिन्हा
विकसित बिहार के लिए समर्पित हर बिहारी परशुराम और भामाशाह का वंशज : विजय कुमार सिन्हा
बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा ने भगवान परशुराम जयंती एवं दानवीर भामाशाह जयंती पर प्रदेश के नागरिकों को बधाई दी । इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ये दोनों अवतारी त्याग और तप की ताकत पर खड़ी हमारी सनातन संस्कृति के प्रतिनिधि हैं । दोनों ने अपने कर्म से धर्म का मर्म हमें सिखाया है ।
श्री सिन्हा ने कहा कि भगवान विष्णु के छठे अवतार के रूप में सतयुग और त्रेता युग के संधि-काल में भगवान परशुराम ने अवतार लिया था । वे कृषि-संस्कृति के भी प्रेरणास्रोत रहे । इसीलिए भारत की कृषिप्रधान संस्कृति में अक्षय तृतीया का विशेष महत्व रहा है । शास्त्रों के साधक होते हुए भी उन्होंने भ्रष्टाचार, व्यभिचार और अनाचार के विरुद्ध शस्त्र उठाया था । इसलिए वे ज्ञान और शक्ति दोनों के आराध्य माने गए । आज की परिस्थिति में उनसे शक्ति और ज्ञान के संतुलित प्रयोग की प्रेरणा लेनी चाहिये ।
श्री सिन्हा ने कहा कि भगवान परशुराम और वीर भामाशाह को किसी जाति, धर्म और क्षेत्र से नहीं बांधा जा सकता है । ये दोनों सभी भारतवासी के लिए आदर्श हैं । इनसे हमें राष्ट्रधर्म के लिए बिना झुके और रुके सबकुछ अर्पित करने की प्रेरणा मिलती है ।
श्री सिन्हा ने कहा कि आज की गतिशील वैश्विक परिस्थिति में हर देशवासी और खास तौर पर हमारे युवाओं को इन दोनों महापुरुषों से सीखने की जरूरत है । आज देश के प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व हमने विकसित भारत बनाने का संकल्प लिया है । ऐसे समय इन दोनों अवतारी पुरुषों का जीवनचरित हमारे लिए प्रेरणा स्रोत हो सकता है । हम जिस क्षेत्र में कार्यरत हैं, वहीं राष्ट्रप्रथम की भावना से सबके कल्याण के लिए अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करते रहें । आज माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में बढ़ते और बदलते बिहार के लिए सूबे के हर नागरिक को भगवान परशुराम और दानवीर भामाशाह की सच्चे अनुयायी की तरह एकजुट होकर प्रयास करना चाहिए । यही प्रयास विकसित भारत में बिहार की निर्णायक भूमिका को सुनिश्चित करेगा ।